Saturday, January 31, 2009

कैसा होगा आपका 2009 नया वर्ष

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01.18.2009

कैसा होगा आपका 2009 नया वर्ष
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव


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नये वर्ष को याद कर मन प्रफुल्लित एवं रोमांचित हो उठता है। पिछले वर्ष की अपनी व्यक्गित घटनाओं, देश में राजनीतिक उठा-पटक एवं आतंकवादी त्रसदी के टेलरों को सोचकर मन में एक अनाम चिन्ता ने प्रवेश किया कि आगे आने वाला वर्ष कैसा होगा? मन की इस यक्ष चिन्ता के पीछे कई यक्ष प्रश्न भी उठ रहे थे, मन ने पुनः शेयर बाजार की तरह उछाल मारी और एक बात दिमाग में आयी कि इसके लिये भारतीय ज्योतिष्यों से क्यों न मिल लिया जाए और जाना जाए कि भारत का एवं सामान्य जनतंत्र का भविष्य कैसा होगा? इसी उधेड़बुन में सोचते-सोचते कब की नींद देवी आ गयीं, इसका पता ही नहीं चला, और मैं कब सो गया। इसके साथ ही स्वप्न में अपना भारत महान चमकने लगा (शाइनिंग इंडिया)। आज मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, जैसी विशष्ट योग्यता रखने वाला हमारा असहाय देश फिर से सोने की चिड़िया जैसा कैसे लग रहा है? अपने सामने भव्य रूप में सोने के सिंहासन में विराजमान ज्योतिष श्री फाइव ज़ीरो भविष्यानन्द जी महाराज और उनके समक्ष शाइनिंग इण्डिया के कर्णधार राजनेता सांसद, मंत्री, विधायक, फिल्म से जुड़ी हस्तियाँ, श्रीमती, श्रीमान् के साथ-साथ पुलिस प्रशासन से जुड़े आला अफसरों के साथ-साथ खेल जगत की सनसनी से लेकर माही, लिटिल मास्टर बल्ला लिए व्याकुल मुद्रा में खड़े हैं और, युवा वर्ग के लड़के-लड़कियाँ अपने-अपने नम्बर के इंतजार में थे। कवि, लेखकगण भी अपनी उपस्थिति को किसी मामले में किसी से कम नहीं समझ रहे थे! हमने भी मौके का फायदा उठाया, दो सौ का टिकट कटाया। इसके साथ ही अन्जान भीड़ में खो गया। और निश्चत हो गया कि अब हमारा भविष्य सुरक्षित हो गया है। भीड़ की अधिकता को देखकर (नये वर्ष को देखकर) फाइव ज़ीरो महाराज भविष्यानन्द ने घोषणा की कि इस वर्ष भीड़ अधिक होने के कारण हम सभी वर्गों के लोगों को खानो में बाँटकर सामूहिक रूप से भविष्य वाचन करेंगे।

सर्वप्रथम राजनीतिज्ञों की ओर इशारा करते हुए फाइव ज़ीरो भविष्यानन्द जी महाराज ने कहा कि पिछले वर्ष की भाँति इस वर्ष भी राजनीति में लोकतंत्र का भरतनाट्यम चलता रहेगा। शनि की वक्रदृष्ट और सूर्य की टेड़ी चाल के कारण राजनीति में उथल-पुथल जारी रहेगी। निर्दलीय आयाराम-गयाराम सांसद/विधायक ही देश के बेहतर भविष्य के योग्य बने रहेंगे! निर्दलियों के लिए यह सलाह कारगर होगी कि यदि वह खरीद-फरोख्त को वरीयता देते हैं तो उनका अपना भविष्य सुरक्षित रहेगा! यह बात विज्ञान भी प्रमाणित कर चुका है कि अपना भविष्य उज्ज्वल तो देश का भविष्य उज्जवल होने में कोई परेशानी नहीं होती है। सत्ता के कीचड़ में ‘आपरेशन दुर्योधन’ वाले सांसद कमल जैसी शोभा संसद में बढ़ाते रहेंगे! शनि की वक्रदृष्ट एवं महा साढ़े साती से बचने के लिए नेताओं को एक-एक दिन में कम से कम पचास-साठ बार अपने वचनों को बदलने की पूरी ईमानदारी बरतनी होगी। तभी आने वाले चुनाव में उनकी जीत सुनिश्चत होगी! राहु की महादशा से बचने के लिये राष्ट्रीय स्वाभिमान को सदैव ताक पर रखने वाले कर्णधार ही स्थाई सरकार दे सकते हैं। संसद/ विधान सभा के अंदर, नेता, मंत्री भले ही एक दूसरे पर गुर्रायें पर विरोधी नेताओं के घर जाकर भरत मिलाप करना परम्परागत ढंग से जारी रखने का शुभ योग इस वर्ष भी बना रहेगा।

फिल्म जगत से जुड़ी हस्तियों की ओर मुखातिब होते हुए फाइव ज़ीरो भविष्यानन्द जी महाराज ने कहना शुरू कर दिया कि फिल्मों में धाँसू इन्ट्री के लिए वस्त्र उघाडू, अति कम वस्त्रों वाली अभिनेत्रियों के लिए यह वर्ष उन्हें प्रथम श्रेणी (नम्बर वन) में ले आयेगा। फास्ट फूड की तरह प्रेमी बदलने वाली अभिनेत्रियों के लिए बॉलीवुड-हॉलीवुड में उनके लिए अड़तालीसों घण्टे (चौबीस घण्टे बोनस में छूट) खुले रहेंगे। विपाशा बसु, नगमा, सुष्मिता, रानी मुखर्जी, ऐश्वर्य राय की ओर इशारा करते हुए भविष्यानन्द जी महाराज ने कहा कि जिस समय मैं आप लोगों को परदे पर देखता हूँ, तो हमारा सिर गर्व से हजारों-हजार फीट ऊँचा हो जाता है। कपड़ों की परवाह किये बिना आप अपना अभिनय जारी रखें भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए यह आवश्यक है! सैफ, गोविंदा बूढ़े अमिताभ, आमिर खान, शाहरुख खान, सनी देओल की ओर इशारा करते हुआ कहा कि आप लोगों का चन्द्रमा साथ नहीं दे रहा है। इसलिये आप लोगों को सलाह है कि कामयाब हीराइनों की गणेश परिक्रमा करते रहें। लगातार पिट (फिल्म से बाहर) रहे अभिनेताओं के लिए यह ज़रूरी हो जाता है कि वह अच्छे अभिनय को वरीयता न देकर रोमांस की ओर अधिक ध्यान दें! मीडिया वालों की ओर इशारा करते हुए फाइव ज़ीरो भविष्यानन्द जी महाराज ने कहा कि शनि की महादशा से बचने के लिए कैमरों की दिशा ही आप लोगों को पिछले वर्ष की तरह बदलनी पड़ेगी! सुपर फास्टातिफास्ट चैनलों के लिये प्रगति तब तक बनी रहेगी, जब तक कि आप अपने कैमरों को दूसरों के बेडरूम और बाथरूम की ओर अग्रसर करते रहेंगे। राहु की महादशा से बचने के लिये यह ज़रूरी हो जायेगा कि अच्छे चेहरे पहचाने नहीं जा सकेंगे, क्योंकि अच्छे चेहरे सदैव अच्छे नहीं होते।

प्रशासन एवं पुलिस की ओर मुताबित होते हुए फाइव ज़ीरो भविष्यानन्द जी महाराज ने कहा कि जो प्रशासक नीतियों, सिद्धान्तों और जनता का मूड ध्यान में रखकर काम करेगा, उसे राहु एवं सूर्य की वक्रदृष्ट को सहना होगा, अर्थात बना-बनाया कार्य बिगड़ जायेगा। चोरी करने वाले, ईमान, धर्म तथा नैतिकता का त्याग करने वाले अधिकारी ही प्रशासन में दक्ष एवं सफल माने जायेंगे। नजीर के लिये उत्तर प्रदेश की पुलिस भर्ती घोटाला इसका प्रमाण है। त्याग का अपना महत्त्व होता है, चाहे वह सत्य ही क्यों न हो! और सत्य के लिए बड़े से बड़ा त्याग तो करना ही पड़ता है। अर्थात नियम, कायदे, शालीनता को धो-पोंछकर अलग रखने वाले प्रशासकों को आने वाले वर्ष में प्रमोशन मिलने के पूरे-पूरे अवसर रहेंगे। पुलिस की परम्परागत निष्क्रियता से चोर उचक्कों का उद्योग दिन दूना रात चौगुना बढ़ता रहेगा और शरीफ को लुकने-छिपने का स्थान शिद्दत के साथ तलाश करने पड़ेंगे! पल में तोला, पल में माशा करने वाली पुलिस की छवि सुधारने के लिये सरकार उनकी वर्दी बदलने पर विचार कर सकती है। चन्द्र एवं मंगल की आपसी शत्रुता जारी रहने से सुधार के पुलिस में कम अवसर उपलब्ध हैं फिर भी सरकार पुलिस की छवि सुधारने के लिए फैशन डिजाइनरों की मदद ले सकती है। इससे तोंदिल पुलिसियों की सेहत रैंप पर उतरने से इस वर्ग को कई क्षेत्रें में वसूली के उचित स्कोप मिलने के अवसर खुले नज़र आयेंगे। शनि एवं सरकार की मार से बचने के लिये अधिकारियों को ऐसी दुलमुल वाली टेक्नो कलमें रखनी होंगी जो वही लिखें जो उनके आला अफसर चाहते हैं।

उद्योगपतियों की ओर इशारा करते हुए फाइव ज़ीरो भविष्यानन्द जी महाराज ने कहा कि उद्योग जगत में फैन्टास्टिक इन्ट्री के लिये बिना पूँजी के लगाये अपहरण उद्योग नये साल में पिछले वर्ष की तरह फले-फूलेगा एवं इसके साथ ही विदेश में पूँजी निवेश करने वाले भारतीयों पर सूर्य एवं बृहस्पति की शुभ दशा रहने के कारण वे अपने राष्ट्रीय स्वाभिमान को फुटबाल की गेंद की तरह प्रयोग करते रहेंगे। चूँकि इस क्षणभंगुर दुनिया में सब कुछ क्षणभंगुर है, इसलिये भुखमरी, गरीबी, अभाव, ओछी मानसिकता वाले व्यापारियों की पूँजी दिन दूना रात सौ गुना होने के चांस बने रहेंगे! शनि की साढ़े साती महादशा से बचने के लिए व्यापारी, दुकानदार, उपभोक्ताओं को सिकन्दर की तरह लूटकर वापस खाली हाथ जाने पर बाध्य करेंगे और बिहारी की नायिकाओं की तरह स्पेशल आपकेरों की मार वर्ष भर अपना कमाल करती रहेंगी। विदेश में बसे भारतीयों का स्टेटस सिम्बल तभी बरकरार रहने के आसार हो सकते हैं, जब वह अपने राष्ट्रीय स्वाभिमान धर्म, ईमान, आत्मा को हाशए पर रखकर जोश खरोश से दूसरे देशों के प्रति निष्ठा में लगे रहेंगे, क्योंकि अपने देश की निष्ठा में कुछ नहीं है बल्कि विदेशी निष्ठा तो डालरों में रहती है। राहु की वक्रदृष्ट के कारण शेयर बाजार की भाँति आतंक, भय, बीमारियाँ (शारीरिक से ज्यादा मानसिक) उछाल मारती रहेंगी।

चन्द्रबदनी श्रीमतियों एवं सदाबहार श्रीमानों की ओर इशारा करते हुए फाइव ज़ीरो भविष्यानन्द जी महाराज ने कहा कि अगले नये वर्ष में वही नयी नवेली पत्नी घर में सम्मान पाने का हक पायेगी, जो अँग्रेजी में सोलहों आने खरी कूटनीति अर्थात् फूटनीति को अपनी साड़ी के पल्लू में बाँधे रखेगी क्योंकि इससे पति को कब्जे में रखने में उसे परेशानी नहीं होगी! राहु, सूर्य की ओर एवं सूर्य, राहु की ओर अग्रसर होने के कारण दाम्पत्य जीवन में खींच-तान बैलगाड़ी रफ्तार में जारी रहेगी। राहु की महादशा होने के कारण व्यक्ति (पति) चाहे कितना पढ़ा-लिखा, सलीकेदार और चारित्रिक शुद्धता के प्रमाण पत्र वाला, कमाता, खाता-पीता ही क्यों न हो, किसी ऐरे-गैरे सड़क छाप सिगरेट से धुंधआते, प्रेमिका के पिता की ही रोटियों पर पलते बेराजगारी प्रेमी से मात खाता नज़र आयेगा। पतियों में राहु महाराज की छाया पड़ने के कारण आत्मबल की कमी पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी जारी रहेगी। कुछ पत्नियों के लिए चन्द्र की कृपा होने े कारण यह वर्ष प्रेमी (नायक) वाला एवं पति परमेश्वर (खलनायक) वाला होने के अवसर प्रदान करेगा। वैश्वीकरण एवं भूमण्डलीकरण के मार्ग को प्रशस्त करने वाले अपने सगे भाईयों की ओर (आतंकवादियों) इशारा करते हुए फाइव ज़ीरो भविष्यानन्द जी महाराज ने कहा कि सच्चे अर्थों में आप ही विश्व का कल्याण कर रहे हैं! आप तो बस विमानों, संसदों, ताज होटल एवं व्हाइट हाउसों पर इसी तरह निशाना साधते रहिए, जरूरत पड़ने पर अणुबम-परमाणु बम को खिलौने की तरह इस्तेमाल करते रहिए, कोई माई का लाल संसार में नहीं है जो तुमसे टक्कर लेगा। शनि एवं राहु को खुश करने के लिए मेरे भाई मेरी एक बात गाँठ में बाँध लोगे तो तुम्हें कभी पराजय का मुँह नहीं देखना पड़ेगा वह यह कि जिस देश में रहो उसे अपना कभी मानो ही नहीं, जहाँ का खाओ उसी को बरबाद करो, जितने अधिक जहाँ भी तुम धमाके करोगे, उतनी अधिक सफलता आपके चरणों में चरण वंदन करती रहेगी। यही पथ आपके भविष्य का उज्ज्वल मार्ग प्रशस्त करेगा।

युवाओं (लड़के एवं लड़कियों) की ओर इशारा करते हुए फाइव ज़ीरो भविष्यानन्द जी महाराज ने कहा कि जो युवा एक दूसरे से लवियाते हों उन्हें इस प्रकरण को टालते रहना होगा, क्योंकि मंगल का चंद्र से टकराव होने के कारण मेल सम्भव नहीं है। सिंह के प्रभावी होने से सूर्यमुखी होने वाली लड़कियों से प्रेमी सावधान रहेंगे साथ ही उन्हें अपनी जीवन साथिनी के पारिवारिक सदस्यों का भय बरकरार रहेगा। प्रेम करने वालों को नये वर्ष में कथकली न करना पड़े, इसलिये ऐसी लड़की को अपना साथी चुनें जो सदैव भरत नाट्यम की मुद्रा में रहे। वहीं प्रेम करने वाली लड़कियों को भी ध्यान रखना होगा कि उनका जीवन साथी पाकेट का कितना पक्का है! साथ ही उसके पास कम से कम बाइक के साथ-साथ लक्जरी मोबाइल फोन की सुविधा तो हो ही। पढ़ने वाली लड़कियों को ध्यान रखना होगा कि उनको चाहने वाला लड़का पढ़ाकू कम लड़ाकू अधिक होना चाहिए, इसके साथ ही यह भी महत्त्वपूर्ण बात हो कि क्रिमिनलों के बीच उसे पूछा जाता हो, क्योंकि नकल करते समय उसे असुविधा न हो। पुनः युवाओं की ओर इशारा करते हुए भविष्यानन्द जी महाराज ने कहा कि तुम्हें देखते ही मुझे अपना बचपन याद आ जाता है और निराश होने की बात नहीं है, आगे आने वाला वर्ष मंगल ग्रह की प्रसन्नता के कारण पारिवारिक बंधन टूटेंगे और लड़कियों को लड़कों की भाँति रिश्ता रिजेक्ट करने का पूरा अधिकार प्राप्त होगा! यह वर्ष पिछले वर्ष की तरह पढ़ने वालों को पढ़ाई पर कम एवं नकल करने पर अधिक दिमाग लगाना होगा। छात्रें को अपनी जुगाड़ टेक्नोलोजी पर विशेष ध्यान रखना होगा, जिससे उनकी कापियों में नम्बर सही चढ़ सकें।

दुबले-पतले, सूखे होंठ वाले एवं मनसूहियत भरे चेहरों को देखते हुए फाइव ज़ीरो भविष्यानन्द जी महाराज ने कहा कि पिछले वर्ष की भाँति बृहस्पति नवम् खाने में रहने के कारण नियमित पढ़ाने वाले शिक्षक इसी तरह दीन-हीन अवस्था में बने रहेंगे! मेहनती, कर्मठ, ईमानदार और नियम कायदे, शालीनता से चलने वाले शिक्षकों का भविष्य केतु की सीधी टक्कर होने के कारण भविष्य अन्धकारमय बना रहेगा। वर्तमान साल में उन्हें कौड़ी के दाम भी लोग नहीं पूछेंगे। अधिक से अधिक कक्षा में न पढ़ाने वाले शिक्षक एवं कोचिंग को मुख्य वरीयता देने वालों की झोली भरी रहेगी। अपनी संस्था के प्रधान की चाटुकारिता एवं गणेश परिक्रमा करने वाले व्यक्ति ही भविष्य में प्रमोशन के पात्र होंगे।

बैट, बैडमिंटन, रैकेट फुटबालरों की ओर इशारा करते हुए फाइव ज़ीरो भविष्यानन्द जी महाराज ने कहा कि मंगल और शनि में इस साल जबरदस्त टकराव रहने के कारण, टेनिस एवं क्रिकेट में उन्हीं सितारों का जलजला रहेगा जो अच्छा खेल-खेलने के बजाय मैच फिक्सिंग पर अपना ध्यान अधिक देंगे और कोच के कहने से सौदेबाजी में हाँ-हाँ करते रहेंगे। टेनिस खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए चन्द्र की स्थिति ठीक होने के कारण खेल चाहे कितना ही खराब क्यों न हो पर उनकी स्कर्ट की लम्बाई कम से कम होने से दशर्कों की संख्या में इजाफा बना रहेगा।

फटाफट खिलाड़ियों की विजयी टीम (ट्वेन्टी-ट्वेन्टी) की ओर गम्भीरता से अवलोकर करते हुए फाइव ज़ीरो भविष्यानन्द जी महाराज ने कहा कि मेरे लिटिल मास्टरों इस जीत को बरकरार रखने के लिये खेल पर कम ध्यान रहे एवं विज्ञापन पर अपने चेहरों को ज्यादा चमकाना होगा! यदि परदे पर चेहरे नहीं चमकेंगे तो नायिकायें आपको लिफ्ट नहीं मारेंगी। मंगल एवं बृहस्पति को मजबूत करने के लिये नवोदित खिलाड़ियों को बॉलीवुड की नायिकाओं पर ध्यान केन्द्रित करना होगा, क्योंकि ज़रूरी नहीं कि अगले टीम मैनेजमेन्ट में उनका खेलना जारी रहे, इसलिये टीम मैनेजमेन्ट से ज़रूरी है होम मैनेजमेन्ट।

साहित्यकारों एवं कवियों के चेहरों की ओर अवलोकन करते हुए फाइव ज़ीरो भविष्यानन्द जी महाराज ने कहा कि- राहु, शनि एवं मंगल की ग्रह दशा से उपेक्षित लेखकों की उपेक्षा पिछले वर्ष की भाँति इस वर्ष बनी रहेगी। छपास नामक संक्रमण बीमारी अपने विकराल रूप में इस वर्ष भी जारी रहेगी। हड्डी तोड़ मेहनती, आंख फोडू पढ़ाकुओं के प्रति शनि की वक्रदृष्ट बनी रहेगी, जिससे वे मारे-मारे फिरेंगे, इसके विपरीत सूर्य के नवम खाने में आने से कटियामार लेखकों (नकलचियों) का भविष्य निष्कंटक बने रहने की सम्भावना है। महान साहित्यकार बनने एवं साहित्यिक पुरस्कार झटकने के लिए कथाकारो को अपनी कथा में सुरेन्द्र मोहन, गुलशन नंदा, रानू, जेम्स हेडली, वीरेन्द्र यादव की रचनाओं को कोड करना होगा। बृहस्पति की नाराजगी मौलिक लेखक-लेखिकाओं को झेलनी पड़ सकती है! जे शुद्धता, नयापन, मौलिकता को अपना मानक मानते हैं। घरेलू लेखिकाओं के लिए अभी शनि महाराज की साढ़े साती बरकरार होगी। शनि की साढ़े साती को कम करने के लिये घरेलू कवयित्रियों/लेखिकाओं के लिए ‘बेलन, कलछीं दोनों एक साथ लेकर चलना शुभ पिछले वर्ष की भाँति इस वर्ष भी बना रहेगा। शनि को नियंत्र्ण में रखने के लिए, साथ ही स्त्री चेतना के लिये यह आवश्यक हो गया है कि (सरदार जी लोगों की तरह कमर में कटार) घरेलू लेखिकाओं की कमर में में एक छोटी कुल्हाड़ी ठुसी रहे। तभी सदियों से सदाबहार पतियों/लेखकों की उचित देखभाल हो सकेगी। प्रशासकों एवं वितरकों पर राहु-केतु की प्रसन्नता की वजह से यह साल तुंदियाने/मुटियाने वाला साबित होगा। वहीं लेखकों के लिए दुविलियाने/सीकियाने वाला होगा। गम्भीर एवं आलोचना प्रधान साहित्य छापने के स्थान पर लोकसमझ एवं मनोरंजन प्रधान साहित्य प्रकाशन करने वाले प्रकाशकों के लिए यह साल उन्हें बुलंदियों (नोटों पर) पर पहुँचा सकता है। मारकेस गृह की वक्रदृष्ट होने के कारण आलोचक/कवि लेखक मारे-मारे छुट्टा जानवरों की भाँति टहलते रहेंगे!

अन्त में बढ़ती भीड़ की हलचल को देखते हुए फाइव ज़ीरो भविष्यानन्द जी महाराज ने कहा कि मेरे प्रिय शिष्यो घबड़ाने की कोई बात नहीं है, बल्कि हार्दिक प्रसन्न होने की बात है कि हम तो अनादिकाल से लोगों का भविष्य देखते/वाँचते आये हैं, क्योंकि हमने जितना सुख सतयुग में देखा/भोगा है उसका कुछ ही अंश आज (कलियुग) के प्रारम्भिक युग में देखने को मिल रहा है। इसमें घबड़ाने की कोई बात नहीं है। हम अभी तो नीति, धर्म, सिद्धान्त, ईमानदारी, स्वाभिमान, आत्मा, नियम, कायदे, शालीनता की दुहाई देकर लोगों को शर्मिन्दा कर देते हैं यानी शब्दों में अभी बजन है। भविष्य में आने वाले वर्षों की ओर मैं जब देखता हूँ तो हमें हैरानी होती है, इसलिये आने वाले वर्षों के बारे में मैं अधिक बताता नहीं हूँ वह इसलिये कि आप सब में आशा का संचार बना रहे, आशा ही जीवन, विकास, मृत्यु है। नये साल का स्वागत करिये जो एक नयी आशा एवं विश्वास के साथ आपके दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। दरवाजे पर जोर-जोर से आहट (थपथपाने की) हुई। आवाज आई प्रोफेसर साहब दस बज रहे हैं, अभी भी खुमारी है क्या? हम झट से बिस्तर से उठ बैठे! सामने देखा कि लालू पोस्टमैन भाई अपनी चिरपरिचित कपिल देव जी वाली मुस्कान में खड़े थे। हमने उनके द्वारा दी गयी ग्रीटिंग को हाथ में लेते हुए कहा कि नया वर्ष मंगलमय हो भईया; इसके साथ ही स्वप्न का ध्यान हमारे ज़ेहन से धीरे-धीरे गायब होता चला गया!


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